16 और 70 की उम्र में मिलती है सर्वाधिक खुशी
सेहतराग टीम
कहते हैं कि खुशी को मापने का कोई पैमाना नहीं है। कौन इंसान कब खुश और कब दुखी होगा ये तो पूरी तरह परिस्थितियों पर निर्भर होता है। मगर फिर भी वक्त-वक्त पर वैज्ञानिक और शोधकर्ता खुशियों को मापने की कोशिश करते ही रहते हैं। ऐसे ही एक अध्ययन के मुताबिक लोग सबसे ज्यादा खुश 16 साल की उम्र में और फिर 70 की उम्र में होते हैं।
‘रेजोल्युशन फाउंडेशन’ ने सबसे अधिक तथा सबसे कम सुख का आकलन करने के लिए आधिकारिक डेटा का विश्लेषण किया। इसमें पाया गया कि सुख का स्तर किसी की उम्र, आय के स्तर, घर होना और जहां वे रहते हैं इस बात पर बहुत अधिक निर्भर करता है और इनके हिसाब से हर किसी में इसका स्तर अलग-अलग होता है।
थिंक टैंक ने कहा, ‘रिपोर्ट में पाया गया कि सुख-समृद्धि का स्तर आम तौर पर 25-26 साल की उम्र से शुरू होकर 50 साल की उम्र होने से पहले तक गिरने लगता है और फिर 70 साल की उम्र तक यह स्तर एक बार फिर बढ़ना शुरू हो जाता है। सुख-समृद्धि के इस स्तर में खुशी, जीवन संतुष्टि, अपनी अहमियत और चिंतामुक्त जीवन शामिल होता है। केवल उम्र को आधार मान कर देखा जाए तो 16 या 70 की उम्र में इंसान सबसे ज्यादा खुश रहता है।’
‘हैप्पी नाऊ?’ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में पाया गया कि सुख-संपन्नता के सबसे अहम कारकों में अच्छी सेहत, नौकरी और एक जीवनसाथी का होना है लेकिन सुख-समृद्धि का यह स्तर उम्र, आय के स्तर, आस-पड़ोस, अपने घर में रहना आदि के हिसाब से हर व्यक्ति में अलग-अलग होता है।
इस रिपोर्ट के जरिये नीति-निर्माताओं से अपील की गई है कि वे लोगों में सुख-समृद्धि के भाव को बढ़ाने के लिए गहराई से इन कारकों पर गौर करें और फिर प्राथमिकता से इस दिशा में काम करें।
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